•साल 2015-16 में हुए एक नेशनल सर्वे के अनुसार, भारत में हर 8 में एक व्यक्ति यानी करीब 17.5 करोड़ लोग, किसी एक तरह की मानसिक बीमारी (mental illness) से ग्रसित हैं. इनमें से 2.5 करोड़ लोग गंभीर बीमारी से ग्रसित है. इन्हें तुरंत मेंटल हेल्प की जरूरत है. 2020 से मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल
•भारत में सरकार के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक का पहला प्रयोग 2020 में किया गया. कोविड महामारी के कारण लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहराते संकट को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने नेशनल मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस (NIMHANS), बैंगलोर और इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी (IPS) के साथ मिलकर टेली मनोचिकत्सा दिशानिर्देश जारी किया था. पूरे भारत में डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य परामर्श को लागू करने के लिए तथा मानसिक स्वास्थ्य प्रोफेसनल्स का मार्गदर्शन करने के लिए यह पहली पहल थी. दूसरे शब्दों में कहें तो यह भारत के मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक के उपयोग की नींव रखी गई!